13 नवंबर को अश्विनी गुरुजी के सानिध्य में ध्यान फाउंडेशन द्वारा विश्वव्यापी दिवाली यज्ञ का आयोजन

13 नवंबर को अश्विनी गुरुजी के सानिध्य में ध्यान फाउंडेशन द्वारा विश्वव्यापी दिवाली यज्ञ का आयोजन

स्टोरी हाइलाइट्स

13 नवंबर, सुबह 8 बजे IST गुरु जी के सानिध्य में ध्यान फाउंडेशन विश्वव्यापी दिवाली यज्ञ का आयोजन कर रहा है। अधिक जानकारी के लिए, www.dhyanfoundation.com पर संपर्क करें।

दीपावली वर्ष की सबसे अंधेरी रात होती है किन्तु इस रात में प्रकाश की शक्ति तक पहुँचना भी सबसे आसान है। यहां प्रकाश का तात्पर्य दीप जलाने से नहीं, बल्कि आंतरिक ज्ञान के प्रकाश से है, जो हमारे अस्तित्व को प्रकाशित करता है।अधिकांश लोग 'अधिक से अधिक धन पाने' के लिए देवी लक्ष्मी के सामने दीपक जलाने में समय बिताते हैं, लेकिन दिवाली का सार ' माँ मुझे धन-संपत्ति से परिपूर्ण करो किंतु साथ ही उससे विरक्त भी कर दो ' में निहित है, क्योंकि जो कुछ भी भौतिक है, वह नश्वर (अस्थायी) है... यह चला जाएगा और जब यह जाएगा तो तुम्हें अत्यधिक पीड़ा देगा। जितना अधिक तुम्हारे पास होगा, उतनी ही अधिक कष्ट भी होगा।


ज़रा सोचो ! जो चीज़ें आपको अत्यधिक खुशी देती हैं वही आपकी पीड़ा का मूल कारण भी हैं। जो लोग बहुत मीठा खाना पसंद करते हैं वही आमतौर पर मधुमेह से ग्रसित होते हैं।जो लोग आपको धोखा देते हैं या चोट पहुंचाते हैं वह कोई अजनबी नहीं बल्कि आपके सबसे करीबी लोग होते हैं।धनी लोग अपने अंतिम समय में सबसे अधिक तनावग्रस्त होते हैं, क्योंकि जो कुछ उन्होंने अपने जीवन में इकक्ठा किया होता है वह उसे छोड़ना नहीं चाहते। यहाँ तक कि अपनी वसीयत बनाने के लिए भी चिंतित और अनिच्छुक होते हैं।यह माया का स्वरूप है।यह मनुष्य को जीवन भर उलझाए रखता है और केवल कष्ट और पीड़ा ही देता है। वास्तविक आनंद का अनुभव करने के लिए तो व्यक्ति को इससे आगे जाने की जरूरत है और दिवाली की रात इसके लिए एकदम उपयुक्त है।


यह भौतिक जगत सूक्ष्म शक्तियों द्वारा शासित होता है और हममें से प्रत्येक प्राणी इन शक्तियों तक पहुंचने की क्षमता रखता है तथा यहाँ जो कुछ भी है उसको उत्पन्न करने की क्षमता भी। चुनाव आपका है, कि आप संसार के पीछे भागना चाहते हैं या इसके बजाय कि संसार की चीज़ें स्वयं आपके पीछे भागें। सनातन क्रिया में एक विशिष्ट मंत्र है, ' क- ई -ऐ -ल- ह्रीं ह- स- क- ह- ल- ह्रीं स- क- ल- ह्रीं ', जिसे देवी के सामने गाय के घी का दीपक जलाकर जपने से व्यक्ति को शारीरिक लाभ तो मिलता ही है साथ ही धन की प्राप्ति और माया से बाहर निकलने का मार्ग भी ।हालाँकि, किसी भी मंत्र के वांछित प्रभाव के लिए, उसे सिद्ध गुरु से प्राप्त करना अति महत्वपूर्ण है, क्योंकि गुरु ही उसकी शक्ति को साधक में संचालित करने की क्षमता रखते हैं ।

दिवाली की रात कुछ अत्यंत शक्तिशाली ऊर्जाओं का समागम होता है जिसके परिणामस्वरूप इस रात की गई आध्यात्मिक साधनाएं हजार गुना फल प्रदान करती हैं।इसलिए, देवी लक्ष्मी आपके घर आए और आप पर धन की वर्षा करे, इसका इंतजार करने के बजाय, इस दिवाली कुछ अलग करने का प्रयास करें।मांगें, लेकिन निस्वार्थ दान भी करें। मौज-मस्ती करें किन्तु भौतिक से वैराग्य के लिए भी तैयार रहें ।


इस दिवाली पर आप सभी को शक्ति की पूर्ण क्षमता का एहसास हो...आशीर्वाद। 13 नवंबर, सुबह 8 बजे IST गुरु जी के सानिध्य में ध्यान फाउंडेशन विश्वव्यापी दिवाली यज्ञ का आयोजन कर रहा है। अधिक जानकारी के लिए, www.dhyanfoundation.com पर संपर्क करें।