1 साल बाद मिलेगा कोरोना वायरस का वैक्सीन ?

Rahul Garhwal
पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस से जूझ रही है। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोना वायरस का वैक्सीन बना तो लिया है लेकिन अभी भी वह आम इंसान की पहुंच से कोसों दूर है। इस वैक्सीन को आम इंसान तक पहुंचने में कई महीने या साल भर से भी ज्यादा का वक्त लग सकता है । 
दरअसल किसी भी वैक्सीन को बनाने के बाद उसके ट्रायल में काफी वक्त लगता है । वैक्सीन के ट्रायल अलग-अलग फेज में होते हैं ।
पहले फेज में 12 से ज्यादा स्वस्थ लोगों पर वैक्सीन को टेस्ट किया जाता है। इसमें लगभग तीन महीने का वक्त लगता है। अगर वैक्सीन का पहला ट्रायल सफल होता है, तब वैक्सीन का ट्रायल दूसरे फेज में होता है। दूसरे फेज में 100 से ज्यादा संक्रमित लोगों को वैक्सीन लगाया जाता है। इस प्रक्रिया में 6 से 8 महीने लगते हैं। तीसरे फेज में 1 हजार से ज्यादा संक्रमित लोगों पर वैक्सीन का टेस्ट होता है। इसमें भी करीब 6 से 8 महीने तक का समय लगता है। अगर ट्रायल में कोई समस्या नहीं होती है, तब वैक्सीन को अप्रूव करने के लिए भेज दिया जाता है ।
अमेरिका में US FOOD AND DRUG ADMINISTRATION किसी भी वैक्सीन को अप्रूव करती है। वहीं भारत में  CENTRAL DRUGS STANDARD CONTROL ORGANISATION वैक्सीन को अप्रूव करने का काम करती है । किसी भी वैक्सीन को अप्रूव करने से पहले सारी जानकारी ली जाती है। इस प्रक्रिया में कई महीने या साल भी लग सकते हैं। इसलिए एक साल बाद भी कोरोना वायरस का वैक्सीन मिल ही जाएगा, ये भी बड़ा सवाल है।