MP में रावण दहन से पहले इन दिशा-निर्देशों को जानना है जरूरी

अंजली पांडेय
भोपाल, मध्य केसरी डेस्क।
दशहरा को अब 3 दिन रह गए हैं। इसके चलते मध्यप्रदेश में जगह-जगह रावण के पुतले बनाने का काम तेजी से शुरू हो रहा है। कोरोना काल के कारण पिछले साल काम बंद था, जिसके कारण कारीगरों को कई सारी समस्या का सामना करना पड़ा था। पर इस साल सरकार के थड़ी छूट दे रखी है। जिसके चलते  कारीगरों ने बड़े पैमाने पर रावण के पुतले बनाना शुरू कर दिए है। भोपाल के विट्ठल मार्केट में रावण बनाने वाले कारीगर ने बताया कि इस बार पिछले साल की अपेक्षा काम ज्यादा है। जिसमें उन्हें दिन रात काम करना पड़ रहा है।

इस साल भी नही निकाली जाएगा झाकियां
कोरोना काल से पहले शहर में जगह-जगह बडे धूम-धाम से दशहरा मनाकर झाकियां निकाली जाती थी, और रावण के पुतले इतने बड़े बनाए जाते थे की दूर से ही आप रावण को निहार सकते थे। तब के और अब के रावण में अब काफी फर्क देखने को मिल रहा है। क्योंकि रावण का कद पहले के मुकाबले अब काफी घट चुका है। प्रशासन की कुछ छूट के बाद दशहरा मनाया तो जा रहा है पर उसमें पहले की तरह कुछ नही है। ना इस बार उतने लोग आपको देखने को मिलेंगे ना ही शोर-गूल सुनने को मिलेगा।

सरकार ने जारी किए दिशा निर्देश
मध्य प्रदेश सरकार ने रावण दहन के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए है। समिति को कार्यक्रम के लिए सबसे पहले जिला कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी। अनुमति खुले मैदान में फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और मैदान की क्षमता के 50 फीसदी लोग ही रावण दहन में शामिल हो सकेंगे। रावण दहन के पहके होने वाले श्री राम के चल समारोह को प्रतीकात्मक रूप से निकालने की अनुमति दी गई है। हालांकि, रावण की ऊंचाई को लेकर सरकार की तरफ से कोई गाइडलाइन नहीं जारी की गई है। लेकिन यह तय है की पहले की तरह इस बार रावण का कद बड़ा नहीं रखा जाएगा।

बता दें, की इस बार रावण को पहले की तरह भी नही बनाया जा रहा है। इस बार रावण का साइज़ छोटा रखा गया है। रावण का पुतला बनाने वाले राजेश प्रजापति ने बताया, रामलीला में इस बार कोई भी मेला आयोजित नहीं किया गया है। ना ही किसी भी प्रकार के खाने-पीने की स्टाल लगाई गई है। ऐसे में ज्यादातर रहवासी सोसाइटी के लिए ही पुतले की बुकिंग मिल रही है। यही कारण है कि रावण के पुतले का साइज छोटा रखा जा रहा है।