मंत्री सारंग बोले - शहीद की शहादत पर ट्वीट नहीं करते दिग्विजय, लेकिन आतंकवादियों की मौत पर संवेदना व्यक्त करते हैं

भोपाल, मध्य केसरी डेस्क। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमलावर रहे है। भले ही मुद्दा कोई भी हो दिग्विजय निशाना साधने का जरिया ढूंढ ही लेते है। दिग्विजय ने अब प्रधानमंत्री द्वारा सेना की वर्दी पहने को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है। दिग्विजय ने सवाल पूछा है कि क्या कोई सिविलियन सेना की वर्दी पहन सकता है? रक्षा मंत्री या जनरल रावत क्या इस मामले पर सफाई दे पाएंगे?

दिग्विजय ने यह किया था ट्वीट
दरअसल, पीएम मोदी दीपावली के दिन सेना के जवानों के साथ त्योहार मनाने गए जम्मू कश्मीर के नौशेरा गए थे। उस दौरान उन्होंने वहां सेना की वर्दी पहनी थी, जिसको लेकर अब दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर के विवाद खड़ा कर दिया है। दिग्विजय ने शनिवार को यशवंत सिन्हा के एक ट्वीट को भी रीट्वीट किया और लिखा, अभी तो शुरुआत है  यशवंतसिंह जी, हिटलर प्रथम विश्व युद्ध में एक कॉर्पोरल था और उसने खुद को जर्मन सेना के कमांडर इन चीफ के रूप में घोषित किया।  अगर मोदी जी को संसद में एक और कार्यकाल मिलता है तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर वे संविधान में बदलाव करते हैं और खुद को राज्य का स्थायी प्रमुख घोषित करते हैं!

दिग्विजय ने किया सेना का अपमान
दिग्विजय सिंह के इस विवादित ट्वीट पर मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने पलटवार करते हुए दिग्विजय सिंह के बयान को देशद्रोह करने जैसा बताया है। उन्होंने कहा - यदि दिग्विजय सिंह सेना की वर्दी को हिटलर शाही कहते हैं तो उन्होंने सेना का अपमान किया है। वह सेना की वर्दी जिसका हम सम्मान करते हैं, उसका दिग्विजय सिंह द्वारा मखौल उड़ाने को राष्ट्रद्रोह के रूप में ही देखा जाना चाहिए।

आतंकियों की मौत पर संविदान व्यक्त करते है
मंत्री सारंग ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक होती है तो दिग्विजय सिंह सेना पर सवाल उठाते हैं, एयर स्ट्राइक होती है तो वह वायु सेना पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हैं। सारंग ने कहा यदि सेना का जवान शहीद होता है तो दिग्विजय सिंह कोई ट्वीट नहीं करते, लेकिन आतंकवादी के मारे जाने पर संवेदना व्यक्त करते हैं। दिग्विजय सिंह की यही आदत है। वो वर्दी का मजाक उड़ाएंगे उनसे यही अपेक्षित है।