MP By-election 2021 : दलीचस्प और कड़ा है जोबट उप-चुनाव, जानिए इस सीट का समीकरण

राजेश सक्सेना


भोपाल, मध्य केसरी डेस्क। मध्य प्रदेश में 30 अक्टूबर को एक लोकसभा और तीन राज्यसभा की सीटों पर उप-चुनाव होने जा रहे हैं। हालांकि इसके नतीजों से शिवराज सरकार की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन यह निश्चित है कि परिणाम सरकार के कामकाज को लेकर जनता का रुख जरूर स्पष्ट कर देंगे। 4 सीटों में से एक खंडवा की लोकसभा सीट है। वहीं रैगांव, पृथ्वीपुर और जोबट विधानसभा की सीटें है जिन पर उप-चुनाव होने। ये सभी सीटें यहां के जनप्रतिनिधियों के निधन से खाली हुई हैं।

कलावती भूरिया के निधन के बाद रिक्त हुई जोबट सीट
इस चुनावी दंगल में दिलचस्पी का विषय यही है कि प्रदेश के दो मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी सीटें बचाने और एक दूसरे की सीट छीनने में कितने कामयाब हो पाते हैं। आज हम आप को जोबट सीट का पूरा समीकरण समझाएंगे। यह सीट कलावती भूरिया के निधन के बाद रिक्त हुई है। बीजेपी ने इस सीट पर बड़ा दांव खेलते हुए कांग्रेस से आई सुलोचना रावत को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने महेश पटेल को मैदान में उतारा है। इसके अलावा अन्य दावेदार भी मैदान में है। यहां मुकाबला कड़ा और दिलचस्प होने की पूरी उम्मीद है।

कांग्रेस की प्रभुत्व वाली सीट-बीजेपी ने चला बड़ा दांव
झाबुआ जिले में आने वाली जोबट विधानसभा सीट बीजेपी के लिए हमेशा से ही दूर की कौड़ी रही है। यही कारण है कि पिछले 7 विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो बीजेपी सिर्फ दो बार ही जीत हासिल कर पाई है। बाकी 5 बार कांग्रेस ने यहां जीत का परचम लहराया है। 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार कलावती भूरिया ने बीजेपी के माधो सिंह डाबर को लगभग दो हजार वोटो से हराया था। जीत का अंतर कम होने के कारण ही बीजेपी इस चुनाव को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रही है। वहीं सुलोचना रावत को अपने पाले में लेकर भी उसने बड़ा दांव खेल दिया है।

जोबट का चुनावी समीकरण

  1. अनूसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है जोबट सीट।
  2. सियासत के केन्द्र में यहां सबसे अधिक आदिवासी वर्ग है।
  3. इस सीट पर 60 फीसदी भिलाला जनजाति  का वोटर,
  4. 32 फीसदी भील आदिवासी वोटर और 3 फीसदी पटलिया आदिवासी है।
  5. अन्य जातियों के वोटर यहां कम है।
  6. बीजेपी ने सुलोचना रावत को बनाया है अपना उम्मीदवार।
  7. कांग्रेस ने महेश पटेल पर लगाया है दांव।
  8. इस चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस को अपनों से है खतरा।
  9. बीजेपी ने सत्ता संगठन की बड़ी टीम मैदान में उतारी।
  10. सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा कर चुके हैं चुनावी सभाऐं।
  11. कांग्रेस ने भी बड़ी टीम के साथ संभाला मोर्चा।
  12. पीसीसी चीफ कमलनाथ कर चुके हैं सभा और जनसंपर्क।

दिलचस्प है जोबट का मुकाबला
जोबट विधानसभा सीट का मुकाबला कड़ा और दिलचस्प नजर आ रहा है। कांग्रेस जहां इस सीट को वापस अपने पाले में रखना चाहती है। वहीं बीजेपी इस सीट को जीतकर कांग्रेस यहां अपना परफॉर्मेंस बेहतर करना चाहेगी। यही कारण है प्रचार का चरम यहां साफ दिखाई दे रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हैं। ताबड़तोड़ सभाऐं कर रहे हैं और कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर कह रहे हैं कि 15 महिनें में प्रदेश का विकास ठप्प कर दिया। चुनाव में जो वादा किया वो निभाया नहीं, हम जो कहते हैं वो करते हैं। वहीं कांग्रेस भी बीजेपी पर हमलावर है और 17 सालों के हिसाब मांग रही है।

आखिर सुलोचना रावत को ही बीजेपी ने क्यों बनाया उम्मीदवार
बीजेपी ने जिस सुलोचना रावत को उम्मीदवार बनाया है वो उस परिवार से आती है जहां 50 साल से कांग्रेस की राजनीति होती आई है। चुनाव के एनवक्त पर उन्होनें बीजेपी का दामन थामा। इनाम में टिकिट मिला। सुलोचना रावत तीन बार विधायक रह चुकी हैं। दिग्विजय मंत्री मंडल में मंत्री भी रही। कांग्रेस में बहुत उम्मीद थी की भूरिया परिवार से ही किसी को उम्मीदवार बनाया जायेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसको लेकर नाराजगी भी देखी गई और कलावती भूरिया के भतीजे दीपक भूरिया ने नामांकन भी दाखिल कर दिया था। बाद में उन्हें मना लिया गया। कांग्रेस ने महेश पटेल को मैदान में उतारा है। पटेल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हैं। इससे पहले महेश पटेल 2003 व 2008 में अलीराजपुर विधानसभा का चुनाव लड़कर हार चुके हैं।

क्या कहते है राजनैतिक पंडित
जोबट विधानसभा उप चुनाव को लेकर राजनैतिक पंडित मुकाबला कड़ा मान रहे हैं। लेकिन बीजेपी ने जो सुलोचना रावत वाला कार्ड खेला है ये पार्टी के लिए गेम चेंजर हो सकता है। यानि बीजेपी यहां पिछले चुनाव से बेहतर कर सकती है। दूसरा 2018 के चुनाव में कांग्रेस का जीत का अंतर भी कम हुआ था। कांग्रेस की कलावती भूरिया 2 हजार के करीब वोटों से जीती थीं। जोबट विधानसभा सीट का उपचुनाव का घमासान साफ दिखाई दे रहा है। बीजेपी कांग्रेस इस सीट को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस जहां इस विधानसभा सीट को बचाना चाहेगी वहीं बीजेपी की पूरी कोशिश है कि इस सीट को जीतकर कांग्रेस के दबदबे को खत्म किया जाए। अब देखना होगा इस सीट पर उंट किस करवट बैठता है।