मध्य प्रदेश में बागियों को मनाने में जुटी कांग्रेस और भाजपा

मध्य प्रदेश में बागियों को मनाने में जुटी कांग्रेस और भाजपा

स्टोरी हाइलाइट्स

प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेताओं ने बागियों को मनाने का मोर्चा संभाला है। कांग्रेस में कमलनाथ, दिग्विजय, रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोर्चा संभाला है। भाजपा से शिवराज सिंह चौहान, शिवप्रकाश, हितानंद, वीडी शर्मा सक्रिय हैं। भाजपा में 34 एवं कांग्रेस में 35 सीट पर बागी मैदान में हैं।

भोपाल। प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेताओं ने बागियों को मनाने का मोर्चा संभाला है। कांग्रेस में कमलनाथ, दिग्विजय, रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोर्चा संभाला है। भाजपा से शिवराज सिंह चौहान, शिवप्रकाश, हितानंद, वीडी शर्मा सक्रिय हैं। भाजपा में 34 एवं कांग्रेस में 35 सीट पर बागी मैदान में हैं। अपने दलों से टिकट नहीं मिलने पर कुछ नेता निर्दलीय मैदान में उतरे हैं लेकिन असल चुनौती उन नेताओं को मनाने की है जो सपा, बसपा जैसे अन्य दलों के चुनाव चिन्ह के साथ मैदान में उतरे हैं। बागियों व तीसरे दमदार उम्मीदवार के कारण कुछ सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।


मध्य प्रदेश में नामांकन भरने की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को बागी नेताओं का रुख परेशान कर रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों ही दलों के कई नेताओं ने निर्दलीय अथवा छोटे दलों की ओर से बतौर उम्मीदवार नामांकन दाखिल किए हैं। राज्य में 17 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए 30 अक्टूबर तक नामांकन भरे गए हैं। नामांकन भरने वालों की संख्या 3,832 है, इसमें बड़ी संख्या में कांग्रेस और भाजपा के ऐसे असंतुष्ट नेता भी शामिल हैं जो टिकट न मिलने के चलते बागी हो गए हैं और उन्होंने नामांकन भी दाखिल कर दिया है।


भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को इन बागियों के मैदान में होने के कारण चुनाव में बड़े नुकसान की आशंका सता रही है। नामांकन वापसी की तारीख 2 नवंबर है, लिहाजा दोनों ही दल इन बागियों से सीधे संपर्क कर रहे हैं और उन्हें मनाने में जुटे हुए हैं। भाजपा की ओर से तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कई ऐसे नेताओं से दूरभाष पर बातचीत की है जो नाराज होकर नामांकन भर चुके हैं।


सूत्रों का कहना है कि कई नेताओं ने दो नवंबर को नामांकन वापस लेने का भरोसा दिलाया है तो वहीं कई दीगर नेता अब भी चुनाव लड़ने की बात पर अड़़ हुए हैं। भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित कई नेताओं को यह जिम्मेदारी सौंपी है कि वह असंतुष्टों को मनाएं। साथ ही भरोसा दिलाए कि सरकार बनते ही उन्हें महत्व दिया जाएगा।


दूसरी ओर कांग्रेस भी बागियों से परेशान है और पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ऐसे नाराज और असंतुष्टों से बातचीत कर रहे हैं जो नामांकन भर चुके हैं। पार्टी की ओर से नाराज लोगों को मनाने के लिए जहां संगठन में जिम्मेदारी सौंपी जा रही है तो दूसरी ओर कई नेताओं को आश्वासन दिया जा रहा है कि उनके सम्मान का पार्टी ख्याल रखेगी सत्ता में आने पर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंप जाएगी।