नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों में होने वाले चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है। मीजोरम में 7 नवंबर को वोटिंग होगी। छत्तीसगढ़ में 2 चरणों में मतदान होंगे। यहां 7 और 17 नवंबर वो वोटिंग होगी। मध्यप्रदेश में एक चरण में 17 नवंबर को चुनाव होंगे, राजस्थान में 23 नवंबर को वोटिंग होगी। तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होगा। 3 दिसंबर को पांचों राज्यों में होगी मतगणना।
6 जनवरी को खत्म हो रहा एमपी सरकार का कार्यकाल
बता दें मध्यप्रदेश में सरकार का कार्यकाल 6 जनवरी 2024 को खत्म हो रहा है। यहां पिछली बार 28 नवंबर को पहले चरण का मतदान हुआ था। भारत निर्वाचन आयोग के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते ही इन पांचों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। इस दौरान सरकारी मशीनरी एक तरह से चुनाव आयोग के नियंत्रण में रहेगी। मतदान और मतगणना के बाद नतीजों की आधिकारिक घोषणा के साथ ही आचार संहिता हट जाती है।
पांचों राज्यों में 16.1 करोड़ मतदाता
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि, पांचों राज्यों में कुल 16.1 करोड़ मतदाता है, जिनमे 8.2 करोड़ पुरुष और 7.5 करोड़ महिला वोटर्स है। मध्यप्रदेश में 5.6, राजस्थान में 5.25 करोड़, मिजोरम में 8.5 लाख मतदाता। चुनावी राज्यों कुल 679 विधानसभा सीटें है। 60 लाख युवा पहली बार वोटिंग करेंगे। उन्होंने बताया कि महिला वोटर्स की संख्या बढ़ी है। 1 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था रहेगी। पांचों राज्यों में 1.77 लाख पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। 2 किलोमीटर के दायरे में होंगे पोलिंग स्टेशन। शिकायत मिलने में 100 मिनट में एक्शन लिया जाएगा। 17734 मॉर्डन पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।
आपराधिक छवि वाले कैंडिडेट्स को देगी होगी 3 बार जानकारी
उन्होंने बताया कि, आपराधिक छवि वाले कैंडिडेट्स को अखबारों में 3 बार विज्ञापन देकर अपनी क्रिमिनल हिस्ट्री बतानी होगी। उम्मीदवार और पार्टी दोनों को जनता को बताना होगा कि उन्हें टिकट क्यों दिया गया। 31 अक्टूबर तक पार्टी को चुनावी चंदे की जानकारी देनी होगी। चुनाव के बाद खर्च की जानकारी भी देनी होगी। रिपोर्ट के बाद ही पार्टी को टैक्स में छूट मिलेगी। 23 अक्टूबर तक वोटर लिस्ट में सुधार किया जा सकता है। BLO घर-घर जा कर नाम जोड़ेंगे।
आदर्श चुनाव आचार संहिता क्या है और इसके क्या नियम-कायदे हैं
आदर्श आचार संहिता क्या है?
देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है। चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा/विधानसभा चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है।
आचार संहिता कब से लागू होती है?
आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है। देश में लोकसभा के चुनाव हर पांच साल पर होते हैं। अलग-अलग राज्यों की विधानसभा के चुनाव अलग-अलग समय पर होते रहते हैं। चुनाव आयोग के चुनाव कार्यक्रमों का एलान करते ही आचार संहिता लागू हो जाती है।
आचार संहिता कब तक लगी रहेगी?
आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया के संपन्न होने तक लागू रहती है। चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता देश में लगती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है।
आचार संहिता के मुख्य नियम क्या हैं?
चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कई नियम भी लागू हो जाते हैं। इनकी अवहेलना कोई भी राजनीतिक दल या राजनेता नहीं कर सकता।
सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने वाले काम के लिए नहीं होगा।
सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा।
किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि नहीं होगा।
किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी।
किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे।