MP में फिर चलेगा वैक्ससीनेशन का महाअभियान, मंत्री सारंग बोले - वैक्सीनेश के लिए नए प्रयोग कर रहे और वह सफल भी हो रहे

भोपाल, मध्य केसरी डेस्क। मध्य प्रदेश में एक बार फिर से वैक्ससीनेश का महाअभियान चलाया जाएगा। सरकार ने दिसंबर के अंत तक 100% लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए रणनीति बनाई है। इसके तहत 10, 17, 24 नवंबर और 4 दिसंबर को वैक्सीनेशन अभियान चलाया जाएगा।

दअरसल सरकार ने लक्ष्य रखा है कि दिसंबर अंत तक प्रदेश में सभी को वैक्सीन की दोनों खुराक लग जाए। वर्तमान में राज्य में सप्ताह के सातों दिन वैक्सीन लगाई जा रही है, 100% वैक्सीनशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अब 10, 17, 24 नवम्बर और 4 दिसम्बर को टीकाकरण महा अभियान चलाया जाएगा।

वैक्सीनेश के लिए नए प्रयोग कर रहे हैं
मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग का कहना है कि, हमारे लक्ष्य है कि टारगेट सेगमेंट को 100% दोनों डोज लग सके। इसके लिए जो भी नए प्रयोग करने होते हैं हम कर रहे हैं और वह सफल भी हो रहे हैं। उन्होंने कहा मध्यप्रदेश में अभी तक 7 करोड 13 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। लेकिन अभी तक बहुत सारे हितग्राहियों ने दूसरा डोज नहीं लगवाया है। इसलिए हमारा प्रयास है कि हम लोगों को दूसरा डोज जल्द लगवाएं। रणनीति बनाकर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि समय से सभी को दूसरा डोज लग जाए।

संक्रमण रोकने का सबसे कारगर उपाय वैक्सीनेश
सारंग ने कहा कोरोना की तीसरी लहर ना आए इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है। इसलिए वैक्सीनेशन के लिए तेजी से प्रयास कर रहे हैं। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोरोना टेस्ट में किसी प्रकार की कमी ना हो। उन्होंने कहा कि हम सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि संक्रमण दोबारा ना फैले। कांटेक्ट ट्रेसिंग को लेकर हम तेजी से काम कर रहे हैं। संक्रमण रोकने का सबसे कारगर उपाय वैक्सीनेशन है। चिकित्सीय व्यवस्थाओं में हमने अपनी पूरी तैयारी की हुई है। ऑक्सीजन जनरेशन और स्टोरेज को लेकर हमारा जो कैलेंडर है उसकी पूर्ति हमने की है। हर जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगा दिए हैं, हमारा टारगेट पूरा हो चुका है।

बतादें, सरकार के तमाम उपायों के बावजूद अभी भी ऐसे लोगों की संख्या बहुत है जिन्होंने वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगवाई है। वहीं कुछ ऐसे भी है जिन्होंने दोनों डोज अभी तक नहीं लगवाई है। ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाने और उन्हें वैक्सीन लगवाने की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई है।